निष्पक्ष
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कुदरत का अजूबा खिलौना हूँ मैं
इस जहाँ का विचित्र नमूना हूँ मैं
बच्चों के लिए डरावना हूँ मैं
बड़े बुजुर्गों के लिए घिनौना हूँ मैं
किसी का हास्य विनोद मनोरंजन हूँ मैं
किसी की अंश्रु गंगा की अविरल धारा हूँ मैं
किसी के लिए दया का पात्र हूँ मैं
बुझता हुआ किसी के घर का चिराग हूँ मैं
दूर रहना, न मेरे पास आना तुम
पागल हूँ मैं पागल हूँ मैं पागल हूँ मैं
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