Menu
blogid : 4404 postid : 88

कितना सुन्दर होता ये जीवन

निष्पक्ष
निष्पक्ष
  • 32 Posts
  • 59 Comments

स्वर्ग से भी सुन्दर
अम्बर से बड़ा
यदि होता
अपना आँगन?

निर्मल निरंजन
शुद्ध सुगन्धित
महका होता
अपना उपवन

निर्दोष निरभिमान
पुष्प पुलकित
मलयज पलवित
खिलता गुलशन

निर्धन निमर्म रोग विहीन
निर्भय निघूर्ण निर्लोभ क्षुधाहीन
निश्चल निलय बनाता हर जन
कितना सुन्दर होता ये जीवन

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh